नज़्म: वक़्त

वक़्त

एक वक्त पर,एक वक्त के लिए,

उस वक़्त कहा था मैंने,

कि वो वक़्त, जिस वक्त के लिए

हर वक़्त हमने इंतेज़ार किया है,

वो वक़्त न वक़्त से पहले,

न वक़्त पर, शायद कभी नहीं आएगा,

वो वक़्त तो नहीं पर,इस वक़्त मेरा वक़्त आ गया…..

इस वक़्त, इस वक़्त की नज़ाक़त को समझो,

मुझको और इस वक़्त को अलविदा कह दो….

 

– आशीष सिंह ठाकुर अकेला ‘


जवाब जरूर दे 

आप सबसे ज्यादा किस राजनीतिक पार्टी को पसंद करते है ?

View Results

Loading ... Loading ...