टॉडलर के गुस्से को कैसे संभालें: प्रभावी तरीके और पेरेंटिंग टिप्स

टॉडलर के गुस्से को कैसे संभालें: प्रभावी तरीके और पेरेंटिंग टिप्स
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क्या आपका 2-4 साल का बच्चा कभी दुकान में चिल्लाने लगता है या घर में खिलौने फेंकने लगता है? टॉडलर का गुस्सा—या टैंट्रम—हर माता-पिता के लिए एक चुनौती होता है। एक पल में हंसता-खेलता बच्चा अगले ही पल ज़मीन पर लोटने लगता है, और आप सोच में पड़ जाते हैं कि अब क्या करें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह गुस्सा उनके बढ़ते दिमाग का हिस्सा है, और इसे समझदारी से संभाला जा सकता है? यह लेख आपको प्रभावी तरीके और टिप्स देगा ताकि आप टैंट्रम को कम करें और अपने बच्चे के साथ बेहतर रिश्ता बनाएं। आइए शुरू करते हैं।

टैंट्रम क्यों होते हैं?

2 से 4 साल की उम्र में बच्चे अपनी भावनाओं को समझने और व्यक्त करने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनके पास शब्द या धैर्य नहीं होता। भूख, थकान, बोरियत या कुछ न मिलने की नाराज़गी—ये सब टैंट्रम का कारण बन सकते हैं। यह उनके लिए सामान्य है, लेकिन आपके लिए परेशानी। अच्छी खबर? सही तरीके से आप इसे काबू में कर सकते हैं।

1. शांत रहें: आपका गुस्सा सब बिगाड़ सकता है

जब बच्चा चिल्ला रहा हो, तो सबसे पहले खुद को शांत करें। गहरी सांस लें और चिल्लाने से बचें। अगर आप गुस्सा दिखाएंगे, तो बच्चा और भड़क सकता है। शांत रहने से आप उसे यह सिखाते हैं कि भावनाओं को कंट्रोल किया जा सकता है। क्या आपको नहीं लगता कि आपकी शांति ही पहला कदम है?

2. कारण समझें: ट्रिगर को पहचानें

हर टैंट्रम के पीछे कोई वजह होती है। क्या बच्चा भूखा है? थका हुआ है? या उसे आपका ध्यान चाहिए? उदाहरण के लिए, अगर वह दुकान में खिलौना मांगकर रो रहा है, तो शायद वह बोर हो रहा है। अगली बार बाहर निकलने से पहले उसकी नींद, खाना और मनोरंजन का ध्यान रखें।

3. ध्यान भटकाएं: जादुई ट्रिक

टैंट्रम शुरू होते ही बच्चे का ध्यान हटाना सबसे आसान तरीका है। “वो देखो, बाहर चिड़िया उड़ रही है!” या “चलो, तुम्हारा पसंदीदा गाना लगाएं” कहकर माहौल बदलें। यह 2-3 साल के बच्चों पर खूब काम करता है, क्योंकि उनकी एकाग्रता कम होती है। लेकिन इसे बार-बार न दोहराएं, वरना वे समझ जाएंगे।

4. साफ नियम बनाएं: सीमाएं जरूरी हैं

बच्चों को समझाएं कि क्या ठीक है और क्या नहीं। जैसे, “चिल्लाने से खिलौना नहीं मिलेगा, लेकिन शांति से मांगने से सोचेंगे।” नियम सख्ती से नहीं, प्यार से लागू करें। हर बार एक ही जवाब दें—यह उन्हें कंसिस्टेंसी सिखाता है। क्या आप जानते हैं कि बच्चे नियमों से सुरक्षित महसूस करते हैं?

5. नज़रअंदाज़ करें (जब सुरक्षित हो)

अगर टैंट्रम सिर्फ ध्यान पाने के लिए है और बच्चा सुरक्षित है, तो उसे थोड़ा नज़रअंदाज़ करें। चिल्लाना बंद होने पर ही बात करें। इससे बच्चा समझता है कि गुस्सा दिखाने से कुछ हासिल नहीं होगा। लेकिन अगर वह खुद को चोट पहुंचा रहा हो, तो तुरंत हस्तक्षेप करें।

6. सकारात्मक व्यवहार की तारीफ करें

जब बच्चा शांत हो या अच्छा बर्ताव करे, तो उसकी तारीफ करें। “वाह, तुमने कितनी अच्छे से अपनी बात बताई!”—यह छोटी बातें उसे प्रोत्साहित करती हैं। सजा देने से ज्यादा तारीफ का असर होता है।

7. रूटीन बनाएं: अनुशासन का आधार

टैंट्रम अक्सर तब बढ़ते हैं जब बच्चे का रूटीन बिगड़ता है। सोने, खाने और खेलने का समय फिक्स करें। थका हुआ या भूखा बच्चा ज़्यादा गुस्सा करता है। रात को 8-10 घंटे की नींद और दिन में हल्का नैप सुनिश्चित करें।

माता-पिता के लिए खास टिप्स

  • धैर्य रखें: टैंट्रम रातोंरात खत्म नहीं होंगे—यह एक प्रक्रिया है।
  • खुद का ध्यान रखें: आप थके होंगे तो बच्चे को संभालना मुश्किल होगा। 10 मिनट का ब्रेक लें।
  • पार्टनर से मदद लें: अगर संभव हो, तो जिम्मेदारी बांटें।

गलतियों से बचें

  • हर मांग न मानें: टैंट्रम के आगे झुकने से यह आदत बढ़ेगी।
  • शर्मिंदा न करें: “सब देख रहे हैं” कहने से बच्चा और परेशान हो सकता है।
  • गुस्सा न दिखाएं: चिल्लाना या मारना रिश्ते को नुकसान पहुंचाता है।

टैंट्रम को मौका में बदलें

टॉडलर का गुस्सा परेशानी नहीं, बल्कि उनके बड़े होने का संकेत है। यह आपको धैर्य, समझ और प्यार सिखाता है। क्या आप जानते हैं कि ये साल बच्चे के भावनात्मक विकास के लिए सबसे अहम होते हैं? अगली बार जब आपका बच्चा टैंट्रम दिखाए, तो गहरी सांस लें, इन टिप्स को आजमाएं, और देखें कि हालात कैसे सुधरते हैं। आप न सिर्फ टैंट्रम को संभाल लेंगे, बल्कि अपने बच्चे को ज़िंदगी का एक बड़ा सबक भी सिखाएंगे। तो, आप आज से कौन सा तरीका अपनाने जा रहे हैं?


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