टेस्ला की भारत में फैक्ट्री पर ट्रंप की आपत्ति: अमेरिकी कंपनियों के लिए ‘अन्यायपूर्ण’ करार

टेस्ला की भारत में फैक्ट्री पर ट्रंप की आपत्ति: अमेरिकी कंपनियों के लिए ‘अन्यायपूर्ण’ करार

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को लेकर ट्रंप की चेतावनी, मोदी सरकार के साथ व्यापार समझौते की चर्चा जारी

Modi-Trump
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला के भारत में संभावित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोलने को “अन्यायपूर्ण” करार दिया है। उनका कहना है कि भारत में विदेशी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% आयात कर (इम्पोर्ट ड्यूटी) लगाया जाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में नुकसान हो सकता है। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार टेस्ला के साथ भारत में एक नई फैक्ट्री स्थापित करने पर चर्चा कर रही है।

टेस्ला के भारत में निवेश की योजना

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क लंबे समय से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की योजना बना रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला भारत में एक फैक्ट्री लगाने के लिए सरकार के साथ कर छूट और अन्य रियायतों पर बातचीत कर रही है।

Tesla
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वर्तमान में, भारत विदेशी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% आयात शुल्क लगाता है, जिससे टेस्ला जैसी कंपनियों को अपने वाहनों की कीमत कम करना मुश्किल हो जाता है। टेस्ला चाहती है कि भारत सरकार इस कर को कम करे, जिससे भारतीय बाजार में उसके वाहनों की बिक्री बढ़ सके।

ट्रंप का विरोध क्यों?

डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत में विदेशी वाहनों पर भारी टैक्स लगाए जाते हैं, जबकि अमेरिकी बाजार में भारतीय कंपनियों को ज्यादा छूट दी जाती है। उन्होंने इस व्यापार असंतुलन (ट्रेड इम्बैलेंस) को अमेरिका के लिए नुकसानदायक बताया।

ट्रंप ने अपने बयान में कहा:
“अगर टेस्ला भारत में फैक्ट्री खोलती है, तो यह अमेरिकी कंपनियों के लिए अन्यायपूर्ण होगा, क्योंकि भारत अमेरिका के वाहनों पर 100% टैरिफ लगाता है। हमें इस पर कड़ी नजर रखनी होगी।”

ट्रंप ने संकेत दिया कि अगर वह फिर से राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो वह इस तरह के व्यापार समझौतों को पुनः मूल्यांकन कर सकते हैं

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर असर

ट्रंप के इस बयान का असर भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है।

भारत चाहता है कि टेस्ला जैसी कंपनियां स्थानीय उत्पादन (मेड इन इंडिया) को बढ़ावा दें, जिससे देश में नौकरी के अवसर पैदा हों और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा मिले। वहीं, अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भारतीय बाजार अमेरिकी कंपनियों के लिए और अधिक अनुकूल हो

एलन मस्क की प्रतिक्रिया

एलन मस्क ने इस मामले पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उन्होंने पहले कहा था कि भारत में निवेश करना उनके लिए एक प्रमुख लक्ष्य है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भारत आयात शुल्क में कमी करता है, तो टेस्ला यहां स्थानीय उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार है।

भविष्य में क्या हो सकता है?

  • यदि भारत सरकार टेस्ला को कर में छूट देती है, तो अमेरिका विरोध कर सकता है।
  • ट्रंप यदि पुनः राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह भारत के साथ व्यापारिक सौदों पर सख्ती कर सकते हैं।
  • अगर टेस्ला की फैक्ट्री भारत में लगती है, तो भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में बड़ा बदलाव आ सकता है।

निष्कर्ष

टेस्ला के भारत में निवेश की योजना अमेरिकी-भारतीय व्यापारिक रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ सकती है। लेकिन ट्रंप की आपत्ति और अमेरिका की व्यापार नीति इसे जटिल बना सकती है। अब यह देखना होगा कि मोदी सरकार और टेस्ला के बीच क्या समझौता होता है और इसका भारत-अमेरिका संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ता है।


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